नए ब्लड टेस्ट से पता लगेगा कि एंटीबॉडी कोरोना का इलाज करने में सक्षम या नहीं

नए ब्लड टेस्ट से पता लगेगा कि एंटीबॉडी कोरोना का इलाज करने में सक्षम या नहीं

सेहतराग टीम

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि एक नए तरह के ब्लड टेस्ट से यहा जानकारी मिल पाएगी की किसी व्यक्ति के खून के प्लाज्मा में सोर्स-कोव-2 वायरस को खत्म करने वाले एंटीबॉडी की मौजूदगी है या नहीं। सोर्स-कोव 2 का आरएनए ही जानलेवा कोरोना संक्रमण के लिए जिम्मेदार होता है। वैज्ञानिकों ने मंगलवार को कहा कि प्लाज्मा में एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगने पर उसका उपयोग अन्य मरीजों को ठीक करने के लिए करना संभव हो जाएगा। अमेरिका के माउंट सिनाई में इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन साइंस के शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस टेस्ट का उपयोग अभी भी कोविड 19 की पहचान बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।

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हालांकि एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता लगाने वाले इस परिक्षण जनसंख्या में संक्रमण की दर पता करने में भी मदद मिल सकती है। सांइस जनरल नेचर मेडिसिन में प्रकाशित शोध के मुताबिक, नई एंजाइम आधारित इम्युनोसोबेंट जांच के लिए 16 मरीजों पर परिक्षण से जानकारी मिली की इसका उपयोग सार्स-कोव 2 के एंटीबॉडी की मौजूदगी के लिए भी किया जा सकता है। शोधकर्ताओं में से एक फ्लोरियन क्रेमर ने वायरस की सतह पर पाए गए स्पाइक प्रोटिन के दो संस्करण तैयार किए हैं। स्पाइक प्रोटिन के वायरस को किसी कोशिका में प्रवेश करने में मध्यस्थ की भूमिका निभाता है।

 

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